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पंजाबः गुरुद्वारा साहिब के सरोवर में डूबे 3 बच्चे, उधर- बिस्त दोआब नहर में डूबी 5 बच्चियां

जलालाबाद: पंजाब में बच्चों के डूबने के दो अलग-अलग मामले सामने आए है। एक मामला जलालाबाद से है और दूसरा मामला बलाचौर का है। अमावस्या के कारण जलालाबाद के पास शेर मोहम्मद गुरुद्वारा साहिब के माथा टेकने गए 3 बच्चों की सरोवर में डूबने से मौत हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार गुरुद्वारा साहिब के सरोवर में पैर फिसलने कारण से 3 बच्चे डूबे है। 

मृतक बच्चों की उम्र 10 से 12 साल 

बताया जा रहा है कि डूबे बच्चों में एक लड़का और 2 लड़कियां शामिल है। इन बच्चों की उम्र 10 से 12 साल बताई जा रही है। बच्चों की पहचान हरप्रीत सिंह पुत्र जसवीर सिंह गांव चक्का दरोगा, जसविंदर निवासी गांव सखेड़ा बोडला, सीरत पुत्री पूर्ण सिंह निवासी गांव झुगे जंदवाला, गुरहरसाय के रूप में हुई है। बता दें बच्चों को गुरुद्वारा के ग्रंथियों द्वारा सरोवर से बाहर निकाला गया और अस्पताल लेकर जाया गया वहां उन्हें मृतक इकरार दे दिया। दोनों मृतक लड़कियां अपने ननिहाल रहने आई थी जो अपने रिश्तेदार के साथ गुरुद्वारा में आई थी।

बलाचौर में डूबी 5 बच्चियां

वहीं दूसरा मामला बलाचौर के गांव महितपुर का सामने आया है जहां प्रवासी मजदूरों की 5 बच्चियां बिस्त दोआब नहर में डूब गई। बच्चियों की उम्र करीब 6 से 12 साल बताई जा रही है। इनमें से 3 को ही सही सलामत बचा लिया गया है जबकि 2 बच्चियों की तालाश जारी है। थाना बलाचौर सदर के प्रमुख इस्पैक्टर पवन कुमार ने बताया कि बिहार से संबंधित प्रवासी मजदूरों के परिवार खेतों में काम करते है।

14 साल के बच्चे में बचाई 3 की जान

जब घर के सदस्य खतों में धान लगाने के लिए गए तो 5 लड़कियां अपने घर से थोड़ा आगे एक धार्मिक स्थान के सामने बहती बिस्त दोआब नहर में अचानक बह गई। उन्होंने बताया कि जब परिजनों को लड़कियों के घर ना होने का पता लगा तो वह उनकी तालाश करने लगे। इन बच्चों को तीन को 14 वर्षीय जीवन नाम लड़के ने अपनी जान जोखिम में डालकर उनका बचाव किया।

2 बच्चियां पानी में बही

पीड़ित परिवार के प्रमुख पन्ना लाल ने बताया कि जिन बच्चियों को निकाल लिया गया है, उनमें सकीना, संजना और चांदनी शामिल है जबकि रूपा और उसके सांढू की बच्ची पानी के बहाव में बह गई। इस मौके पर बच्ची ने बताया कि वह पहले जामुन खाने के लिए गई थी और बाद में नहर में चली गई। यहां दूसरी लड़कियां सीढि़यां उतर गई, जब उन्होंने शोर मचाया तो लोगों ने हमारी मदद नहीं की जबकि नहर के दूसरी तरफ एक लड़के ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए बच्चियों को बचा लिया गया। 

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