पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से मेयर को मिली बड़ी राहत, जाने मामला

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से मेयर को मिली बड़ी राहत, जाने मामला

चंडीगढ़ः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मोहाली मेयर अमरजीत सिंह सिद्धू उर्फ जीती सिद्धू को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने उन्हें मेयर और काउंसलर के पद से हटाए जाने के आदेशों पर रोक लगा दी है। ऐसे में जीती सिद्धू अब मेयर बने रहेंगे। मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। बता दें कि पंजाब सरकार ने जीती सिद्धू पर चल रही एक जांच में कार्रवाई करते हुए उन्हें मेयर की कुर्सी से हटाने के आदेश जारी किए थे।

जीती सिद्धू ने उन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर पंजाब सरकार का जवाब सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रख लिया था। इसके बाद अब यह फैसला आया है। जीती सिद्धू ने बीते 28 दिसंबर के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उसमें पंजाब लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट ने उनकी हाउस मेंबरशिप को कैंसिल कर दिया था। जस्टिस विनोद एस भारद्वाज केस की सुनवाई कर रहे थे।

स्थानीय सराकारों के विभाग ने 15 सितंबर को अरमजीत सिंह जीती सिद्धू को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कहा गया था कि उन्होंने उस सोसायटी को काम दिया है, जिसके वह खुद मैंबर है। ऐसा करना नियमों की उल्लंघना है। इस पर उन्हें 15 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया। इसके बाद मेयर ने सरकार को अपना जवाब पेश करने की जगह 15 दिन की मियाद खत्म होने से 2 दिन पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करके नोटिस खारिज करने की अपील की थी। 

जीती सिद्धू ने हाईकोर्ट में कहा था कि उन्हें काउंसलर के पद से इसलिए हटाया गया क्यों कि वह संबंधित सोसाइटी के मेंबर थे। तानाशाही तरीके से राजनीतिक द्वेष के चलते सरकार ने यह कार्रवाई की। पंजाब म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1976 के तहत उन्हें इस प्रकार हटाए जाने का कोई आधार नहीं है। वहीं कहा गया कि एक्ट किसी मेंबर को सोसाइटी से जुड़ने पर रोक नहीं लगाता। वहीं इससे मेंबर की योग्यता रद भी नहीं होती।