कपूरथला जेल बनी अपराधियों की आरामगाह, जेल से चल रहे ड्रग-किडनैपिंग गैंग, 13 जैमर के बावजूद फुल नेटवर्क

कपूरथला जेल बनी अपराधियों की आरामगाह, जेल से चल रहे ड्रग-किडनैपिंग गैंग, 13 जैमर के बावजूद फुल नेटवर्क

कपूरथला/चंद्रशेखर कालिया: कहने को तो पंजाब की सबसे बड़ी जेल कपूरथला पूरी तरह से मॉडर्न है। भारी भरकम सुरक्षा दस्ता 24 घंटे कैदियों पर पैनी निगाह रखता है, लेकिन इस जेल में कैदी सारी सुख सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं। ड्रग्स से लेकर हथियार तक सब कुछ जेल के भीतर आसानी से उपलब्ध हो जाता है। बाहर किसी को धमकाने के लिए या फिर नशे का नेटवर्क चलाने के लिए जेल में मोबाइल फोन तक उपलब्ध हैं।कहने को तो जेल में 13 जैमर भी लगे हुए हैं, लेकिन फिर भी जेल में तलाशी के दौरान कैदियों से मोबाइल फोन मिल रहे हैं। पिछले एक महीने के दौरान कैदियों से जेल में 27 मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं। हैरानीजनक है कि जेल में जैमर लगे होने के बाद भी कैदी मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में अब तो जैमरों पर भी सवाल उठने लगे हैं कि यह चलते भी हैं या फिर कैदियों की सुविधा के लिए बंद रखे हुए हैं। गैंगस्टर दलबीर सिंह उर्फ दलबीरा पुत्र जोगिदर सिंह वासी बस्ती बावा खेल जालंधर से मोबाइल फोन, एक सिम, एक अडाप्टर बरामद ,माडर्न जेल में तलाशी के दौरान अलग अलग बैरकों में रह रहे गैंगस्टर सहित चार कैदियों से चार मोबाइल फोन व सिम बरामद किया गया है। सहायक सुपरिटेंडेंट जसप्रीत सिंह की ओर से जेल की बैरकों की तलाशी के दौरान कैदी मनबीर सिंह पुत्र जगजीत सिंह उर्फ अजीत सिंह वासी राजोके पलो पत्ती से एक मोबाइल फोन, कैदी लवप्रीत सिंह उर्फ लव ढिल्लों पुत्र गुरनाम सिंह वासी कमालपुर पत्ती चौंकी मोठांवाल सुल्तानपुर लोधी से एक मोबाइल फोन, कैदी सुखविदर सिंह उर्फ सुक्खा पुत्र सेवा सिंह सुल्तानपुर लोधी से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अराजक तत्वों की सुरक्षित आरामगाह

गैंगस्टरों के लिए तो जेल पूरी तरह से सुरक्षित आरामगाह है। यह लोग जेल के भीतर से ही फिरौती गिरोह चलाते हैं। किसी की हत्या के लिए सुपारी ले रहे हैं। जेल में बैठे-बैठे ही नशे का नेटवर्क चला रहे हैं। अभी हाल ही में जेल में खतरनाक गैंगस्टर निक्का व उसके दो साथियों से तीन मोबाइल फोन और 4 सिम कार्ड मिले हैं। जेल में आइस किंग राजा कंदोला से लेकर कई बड़े गैंगस्टर बंद हैं।

जेल स्टाफ में ही हैं काली भेड़ें

जेल में नशा, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी या अन्य सामग्री कैदियों के पास आम मिल जाते हैं। बड़ा सवाल यह है कि इतना सारा सामान कैदियों के पास पहुंच कहां से रहा है। जेल स्टाफ के अलावा कैदियों के सेल तक औऱ कोई व्यक्ति पहुंच नहीं सकता, इसलिए जाहिर सी बात है कि काली भेड़ें इनमें ही शामिल हैं। जेल स्टाफ के लोग ही कैदियों तक यह सारी सुविधाएं पहुंचाकर फीस वसूल कर रहे हैं। आज तक जेल में मोबाइल फोन मिलने या फिर नशीले पदार्थ मिलने पर जितनी भी कार्रवाई हुई हैं, वह सारी की सारी कैदियों के खिलाफ ही हुई हैं कि उनसे जेल में नशा बरामद हुआ है या फिर मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, लेकिन उन लोगों के खिलाफ आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जो लोग यह सुविधाएं मोटी रकम वसूल कर कैदियों को उपलब्ध करवा रहे हैं। किसी ने कैदियों से यह नहीं पूछा कि उनके पास मोबाइल कहां से आए।

गैंगस्टर और उसके साथी से मिले फोन और सिम कार्ड

इसी प्रकार सहायक सुपरिटेंडेंट जसप्रीत सिंह की ओर से जेल की तलाशी के दौरान गैंगस्टर दलबीर सिंह उर्फ दलबीरा पुत्र जोगिदर सिंह वासी बस्ती बावा खेल जालंधर से मोबाइल फोन, एक सिम, एक अडाप्टर बरामद किया गया है। आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।बहरहाल जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट अमरजीत सिंह ने बताया कि वह सीआरपीएफ टीम के साथ जेल में बंद कैदियों व हवालातियों की बैरकों की तलाशी ले रहे थे। इस दौरान जेल प्रबंधन को कैदी अमनदीप सिंह उर्फ अमना निवासी गांव सैचां से 2 मोबाइल, 3 सिम, 1 ईयरफोन बरामद हुआ। थाना कोतवाली पुलिस ने जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट की शिकायत पर कैदी के खिलाफ धारा 52ए प्रीजन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है।जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट जसप्रीत सिंह सीआरपीएफ टीम के साथ जेल में तलाशी अभियान चला रहे थे। इस दौरान जेल में बंद गैंगस्टर कैदी निक्का से 1 मोबाइल और एक सिम बरामद हुआ। जेल प्रबंधन ने मोबाइल कब्जे में लेकर इसकी सूचना थाना कोतवाली पुलिस को दे दी।