फर्जी एनओसी मामले में सैनी एसोसिएट्स का लाईसैंस रद्द होने की कवायद शुरु !

2020 की रजिस्ट्री को 2017 से टेंपर कर हासिल की थी एनओसी

फर्जी एनओसी मामले में सैनी एसोसिएट्स का लाईसैंस रद्द होने की कवायद शुरु !
फर्जी एनओसी मामले में सैनी एसोसिएट्स का लाईसैंस रद्द होने की कवायद शुरु !

जालंधर, (अनिल वर्मा): बिल्डिंग विभाग से फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर एनओसी लेने के बाद नक्शा पास करवाने वाले दो आर्किटैक्ट्स के नाम शार्टलिस्ट कर लिए गए हैं । शुरुआती जांच दौरान सामने आया है कि हकीकत में असल रजिस्ट्री 15 सितंबर 2020 को पाल पुत्र नथैनियल वासी फोलड़ीवाल द्वारा सुभाना में 3 मरले 64 वर्ग फुट के प्लाट की मंजीत कुमार पुत्र राम लुभाया वासी 160 गली नंबर 4 वार्ड नंबर 13 काकी पिंड के नाम पर की गई थी इस रजिस्ट्री को टैंपर करके 15 सितंबर 2017 किया गया और सैनी एसोसिएट द्वारा इस टैंपर रजिस्ट्री के आधार पर 25 मई 2022 को प्लाट की एनओसी लेने के लिए ई नक्शा पोर्टल पर अप्लाई किया गया। एमटीपी द्वारा इन दस्तावेजों के आधार पर एनओसी जारी कर दी ।

ऐसे हुआ खुलासा

इसके बाद इस केस में फर्जी दस्तावेजों  के आधार पर एनओसी हासिल के बाद नक्शा पास करवाने के लिए सोफिया आर्किटैक्ट, मान नगर नजदीक वडाला चौंक जालंधर द्वारा 16 जून 2022 को अप्लाई ई- नक्शा पोर्टल पर अप्लाई किया गया। मामला उस वक्त पकड़ा गया जब बिल्डिंग इंस्पैक्टर ने दस्तावेजों में आब्जैक्शन लगाकर फाईल आर्किटैक्ट को वापिस भेज दी, लेकिन जब दोबारा ई- नक्शा पोर्टल पर अपलोड की गई तो टैंपर की गई रजिस्ट्री की जगह असल रजिस्ट्री के दस्तावेज अपलोड हो गए । जब दोनो के प्रिंट निकाले गए तो दोनो दस्तावेज एक जैसे थे मगर साल का फर्क था। 

मेयर राजा ने ज्वाइंट कमिशनर रंधावा को दिए थे जांच के आदेश 

मामला तूल पकड़ते ही मेयर जगदीश राजा ने इस मामले की जांच के लिए ज्वाइंट कमिशनर गुरिंदर कौर रंधावा को आदेश दिए। शुरुआती जांच में दो आर्किटैक्ट की भूमिका संदेह के घेरे में है। उधर, एसटीपी परमपाल सिंह ने कहा कि जल्द ही पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार करके जेसी रंधावा मैडम को सौंप दी जाएगी।

जो भी दोषी आर्किटैक्ट होगा उसका लाईसैंस किया जाएगा रद्दः रंधावा

ज्वाइंट कमिशनर गुरिंदर कौर रंधावा ने कहा कि जो भी दोषी आर्किटैक्ट होगा उसका लाईसैंस रद्द करके उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस कमिशनर को पत्र लिखा जाएगा तांकि आगे से कोई ऐसा फर्जीवाड़ा न कर सके।