सनातन धर्म के मूलभूत ढांचे में बदलाव किए बिना सनातन को बचाना असंभव: याति

सनातन धर्म के मूलभूत ढांचे में बदलाव किए बिना सनातन को बचाना असंभव: याति
यति वावा की सुनें सव सनातनी: बालयोगी ज्ञानानाथ जी महाराज
ऊना/सुशील पंडित: हरिद्वार के सर्वानंद घाट से सनातन में सर्वमान्य धर्मानुशासन और एक सर्वमान्य पुस्तक के लक्ष्य को लेकर आरम्भ हुई संत जागृति यात्रा हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना पंहूची । और आज ऊना में एक पत्रकार वार्ता की गई। जिसमें हरिद्वार के सर्वानन्द घाट से जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का संदेश लेकर संत जागृति यात्रा हिमाचल प्रदेश में पहले माँ ज्वाला के दरबार में पहुँची ।यहां संतो ने यात्रा का भरपूर स्वागत किया और अपना हर तरह का सहयोग और समर्थन देने का आश्वासन भी दिया। यहां पर एक प्रेस वार्ता भी हुई जिसमे यात्रा की सभी जानकारियां दी गई।
प्रथम चरण में यह यात्रा सम्पूर्ण हिंदीभाषी क्षेत्र में जाएगी और सभी धार्मिक मठ मंदिरों और आश्रमों तक संत जागृति संदेश को लेकर जाएगी।
दूसरे चरण में यह यात्रा दक्षिण भारत जाएगी जिसमें महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी भी भाग लेंगे।यह यात्रा अपने अंतिम चरण में हरिद्वार के सन्तो के दर्शन करेगी और उन्हें पूरे देश के सन्तों से हुए विचार विमर्श के बारे में जानकारी देगी।
संत जागृति यात्रा अब दो समूहों में बंटकर हो रही है।एक समूह बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज और दूसरा समूह स्वामी अमृतानंद जी महाराज के नेतृत्व में भृमण करके महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का पत्र देश के सभी सन्तों तक लेकर जाएंगे और उनसे सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आग्रह करेगे।
योगी ज्ञाननाथ जी महाराज के नेतृत्व में संत जागृति यात्रा पंजाब,हिमाचल और हरियाणा जाएगी तथा स्वामी अमृतानंद जी महाराज के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा अन्य हिंदी भाषी राज्यों में जाएगी।
यात्रा के बारे में बताते हुए बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज ने कहा कि आज सनातन धर्म पर अभूतपूर्व संकट है।यदि हिन्दुओं का जनसंख्या अनुपात इसी तरह घटता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब भारत इस्लामिक देश बन जायेगा। अगर भारत इस्लामिक देश बना तो अब हिन्दुओं को भागने की भी जगह नहीं मिलने वाली ।ये बात मौलाना अब जोर शोर से कहने भी लगे हैं।अब संत समाज को आगे आकर सनातन धर्म और भारत राष्ट्र की रक्षा के लिये पहल करनी ही पड़ेगी।यह यात्रा सन्तों से यही निवेदन करने के लिए की जा रही है।
यह छोटी सी साधारण यात्रा सनातन धर्म और विश्व इतिहास पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ेगी।जो संदेश यह यात्रा माँ गंगा के तट से लेकर जा रही है,उसके महत्व को नहीं समझा गया तो सनातन धर्म को बचाना असम्भव हो जाएगा।
प्रेस वार्ता के माध्यम से उन्होंने हिमाचल के सभी आदरणीय सन्तों से इस यात्रा को आशीर्वाद, सहयोग और समर्थन देने का आग्रह किया।
इस अवसर पर पर उनके साथ ब्रह्मचारी श्याम चेतन महाराज, बाबा मुक्ति नाथ, हिन्दू एकता हिन्दू चेतना संघ के अध्यक्ष गौतम ठाकुर, मास्टर बीरबल, संदीप जरार, रोशन लाल, सुभाष शर्मा आदि उपस्थित रहे।