जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाईज़री

जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाईज़री

ऊना/सुशील पंडित: जिला में बढ़ती गर्मी के कारण उल्टी-दस्त के रोगियों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाईज़री की गई है। इस बारे जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ऊना डॉ मंजू बहल ने बताया कि जिला में गर्मी बढ़ रही है और गर्मी के कारण लोग अक्सर लू का शिकार हो जाते हैं और ऐसे में उल्टी-दस्त की शिकायत भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि उल्टी-दस्त की दूषित जल का प्रयोग करने से होती है। प्रदूषित जल पीने या भोजन पकाने में उसका प्रयोग करने से व्यक्ति जलजनित रोग व संक्रमण जैसे पेट के कीड़े, पीलिया, हेपेटाईटिस-ए, टायफायड, हैजा, दस्त इत्यादि से ग्रस्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जलजनित रोगों का खतरा अधिक होता है। उन्होंने बताया कि इससे शिशु, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और मधुमेह, हृदय रोग व गुर्दा रोग इत्यादि से ग्रसित रोगियों के प्रभावित होने की आशंका ज्यादा रहती है।

जलजनित रोगों से बचने के लिए बरतें यह सावधानियां
सीएमओ डॉ मंजू बहल ने जल जनित रोगों से बचाव बारे जानकारी देते हुए बताया कि बिल्कुल साफ पानी का प्रयोग करें और ध्यान रखें की पानी रेत व गाद से मुक्त हो। दिखाई देने वाली गंदगी को हटाने के लिए पानी के छान लें। स्वच्छ पानी के लिए पानी शुद्ध करने वाल उपकरणों का प्रयोग करें और नियमित रुप से उनकी सर्विस व रखरखाव सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बाहर से घर वापस आने, शौचालय का प्रयोग करने से पहले व बाद में, खाना खाने से पहले व बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोएं और बच्चों को भी अपने हाथों की सफाई बारे विशेष रुप से प्रेरित करें। काई भी खाद्य पदार्थ बिना धोए न खाएं व अच्छी तरह से पकाएं। जब भी घर से बाहर खाना खाएं तो डिस्पोजल ग्लास-प्लेट का प्रयोग करें। बासी व लंबे समय से फ्रिज में रखा हुआ खाना खाने से परहेज करें। 

डॉ मंजू बहल ने कहा कि जिला में कई स्थानों पर पानी की छबीलें लगाई जा रही हैं तथा खुले में फल काटकर बांटे जा रहे हैं, इससे भी उल्टी-दस्त की बीमारी के बढ़ने की आशंका रहती है। उन्होंने जिलावासियों से अपील की है कि यदि ऐसी छबील लगाना अति आवश्यक हो तो स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता संबंधी पूर्ण सावधानी बरती जाए।