ऊना/सुशील पंडित: जेएनयू कैंपस की दीवारों पर हिंदू विरोधी टिप्पणियों का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब ऊना में भी उसका विरोध होता दिख रहा है। परशुराम युवा वाहिनी के सदस्यों और हिंदू संगठनों के सदस्यों ने एमसी पार्क में एक रोष प्रदर्शन किया। मौके पर प्रधान अंतरिक्ष शर्मा ने बताया कि 1 दिसंबर की रात देश के प्रतिष्ठित संस्थान की दीवारें - ब्राह्मण देश छोड़ो। बनिया कैंपस छोड़ो। हम तुम्हारे पीछे आ रहे हैं जैसे तमाम धमकी भरे संदेशों से भर दी गई थीं।
वामपंथ के चिरपरिचित अंदाज में लाल सियाही के साथ लिखे संदेश हिंदुओं के दो वर्णों को आतंकित करने का प्रयास था। हम विश्वविद्यालय के उपकुलपति से विनती करते हैं कि ऐसे छात्रों को चिन्हित करके उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उनकी स्कॉलरशिप रद्द की जाए। भारत के हिंदू समाज के ऊपर इतना बड़ा आघात हो गया और अभी तक कोई कार्रवाई हमें दिखाई नहीं दी है। हम शुरू से जानते हैं कि यह शिक्षण संस्थान राष्ट्रविरोधी ताकतों की शरणस्थली के तौर पर कार्य करता रहा है।
दशकों से एक खास विचारधारा के लोगों ने इस पर कब्जा कर रखा था। अब इसे मुक्त करवाने की आवश्यकता है। भुपिंदर राणा ने बताया कि हमें इस बात का संतोष जरूर है कि हमारा समाज ऐसी घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देने लग गया है। एक हिंदू युवक ने कहा कि हमारे समाज में प्रत्येक जाति आती है। हमने पहले भी अपने प्राणों की आहुतियां दी हैं। आगे भी त्याग के लिए तैयार रहेंगे। एक समाज की सहनशीलता की परीक्षा न ली जाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों का जब नरसंहार हुआ था तब भी ऐसा ही माहौल बनाया गया था जैसा जेएनयू में तैयार किया जा रहा है। मौके पर छात्र और समाज सेवी संस्थाओं के सदस्य भी मौजूद रहे।