पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से "प्राकृतिक फोटो ग्राफी दिवस' पर प्रदर्शनी लगाई

पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से "प्राकृतिक फोटो ग्राफी दिवस' पर प्रदर्शनी लगाई

प्राकृतिक की सांभ संभाल और सुरक्षा के लिए फोटो ग्राफी सबसे अच्छा साधन

कपूरथला/चन्द्र शेखर कालिया: पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से "प्राकृतिक फोटो ग्राफी दिवस' पर प्राकृतिक प्रति आम लोगों में जागरुकता पैदा करने के लक्ष्य से प्राकृतिक फोटो ग्राफी पर एक प्रदर्शनी लगाई गई। इस मौके प्रसिद्ध फोटो ग्राफर कर्मवीर सिंह संधू और सर्बजीत सिंह पंधेर की ओर से प्राकृतिक नजारों की फोटो का प्रदर्शन किया गया। 

इस मौके संबोधित करते हुए साइंस सिटी की डायरैक्टर जनरल डा. नीलिमा जेरथ ने कहा कि प्राकृतिक फोटो ग्राफी दिवस हर वर्ष 15 जून को प्राकृतिक नजारों को उत्साहित करने, पौधों व जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए फोटो ग्राफी द्वारा खींची गई तस्वीरे कैसे सहायक हो सकती है के प्रति जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व स्तर पर मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि फोटो ग्राफी एक ऐसी सुंदर कला है जो रोजाना उस दुनिया के नजदीक से दर्शन करवाती है जहां हम रहते है। उन्होंने कहा कि कैमरों के लैंसो के साथ ली गई तस्वीरे प्रतिदिन प्राकृतिक नजारों को कैद करने में हमारी मदद करती है और विश्व फोटो ग्राफी दिवस दुनिया को पहले से नजदीक होकर देखने और फिर अपनी यादों को कैमरों में कैद करके रखने का संदेश देता है। 

प्रसिद्ध फोटो ग्राफर कर्मवीर सिंह संधू ने तितली की विभिन्न प्रजातियों की फोटो खींचने के तजुर्बे सांझे करते कहा कि प्राकृतिक की हरेक याद को संभालने के लिए प्राकृतिक फोटो ग्राफी एक शक्तिशाली साधन है। उन्होंने कहा कि लाकडाऊन ने धरती के खत्म हो रहे स्रोतो को सृजित करने में बहुत बहम भूिमका निभाई है। लाकडाऊन के दौरान प्रदूषण और शोर शराबे में आई गिरावट के कारण देश भर में कई स्थानों पर तितलीयों की जनसंख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। 

इस मौके साइंस सिटी के डायरैक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने कहा कि प्राकृतिक की कायनात बहुत सारे सुंदर नजारों और उत्सुकता के साथ भरी हुई है। इसलिए जितना संभव हो प्राकृतिक के नजदीक जाना बहुत जरुरी है। प्राकृतिक के सबसे नजदीक होने के तरीको में सबसे अहम इसको कैमरे में कैद करना है।